Friday, 9 January 2015


Thank you, friends, for all the things
That mean so much to me--
For concern and understanding
You give abundantly.
Thanks for listening with your heart;
For cheering me when I'm blue;
For bringing out the best in me;
And just for being you.
Thanks for in-depth conversation
That stimulates my brain;
For silly times we laugh out loud;
For things I can't explain.
For looking past my flaws and faults;
For all the time you spend;
For all the kind things that you do
हर राह को मै चाहू, हर मंजिल मुझको भाती है
मेरी कोई दिशा नहीं, सिर्फ हवा मुझे बहलाती है
प्रवाह जिधर भी तेज हुआ ,ते उधर निकल लेता हु मै
मांग जिधर भी तेज हुई, ते उधर खिसक लेता हु मै 
मेरी आँखों के सपने हर पल पल पल पल बदले है
मेरे खवाबो के परिंदे ,आसमान में भटके हे
जाने की कोई राह नहीं ,बस आस लगाए बैठे हे
मन की बत्ती को बजाए ,जुगनू पे तो तरसे हे


बेबस हूँ,बेबाक हूँ,बेशर्म हूँ,बिंदास हूँ,कमजोर भी हूँ 
लेकिन बस बलवान नही! 
कभी इस घर की,कभी उस घर की,कभी इस पल की,कभी उस पल की 
मेरी अपनी कोई पहचान नही! 
जिसने चाहा वहा मोड़ दिया,रूह को मेरी झकझोर दिया,अंदर तक मुझको तोड़ दिया 
मेरी इज़्ज़त थी,कोई काँच नही!
मेरे सपने,मेरे विचार,मेरी उड़ान,मेरे लिए सिर्फ़ धरती है यहाँ,मेरा कोई आसमान नही!
मेरे लिए एक लीबाज़,एक चौखट,एक वक़्त ओर फ़र्ज़ हैं
इस शब्द आज़ादी पर मेरा कोई अधिकार नही!