Tuesday, 30 September 2014


कोशिशें जारी हैं तुम्हारे बिना जीने कीं, 



पर अभी भी रातों को आँखों में नींद नही है।
हर रात भीगते तकिये बता रहे हैं सच
कि दिल में हर पल बढता प्यार वही है।
छोड़ आये हैं तुमसे जुड़ी हर याद मीलों दूर,
पर हर आवाज़ में सुनाई देता नाम वही है।
सारे जतन कर लिए तुम्हे भुलाने के ,
सालों बाद भी हालात अभी बदले नहीं है।
जीना चाहते हैं बस अपने ही लिए
पर अपनापन जो पूरा करे वो साथ अब नही है।
शिकवा नही है कि तुम छोड़ कर गए
तुम्हे जाने कि इजाजत देने वाले जो हम ही हैं।
फिर भी क्यों नहीं जाते तुम मेरे दिलोदिमाग से
हर दम मन में उठता सवाल आज भी वही है।

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