Saturday, 25 July 2015

कुछ कर दिखाने का जूनून रख या कुछ ना कर पाने का मलाल कर सब कुछ तेरे हाथ मे है 
ज़्यादा सोचने का समय नही ज़िन्दगी बोहोत रफ़्तार मे है.. 
मन्ज़िल का पता कर रास्ता भी निक्लेगा.. अभी तो तु कतार मे है.. 
ये मत सोच क तु न हारा तो मन्ज़िल को जल्दी देख पायेगा.. 
अर्रे वो मजा मन्ज़िल मे कहाँ जो उसके रास्ते मे है.. 

डर को खुद से दूर रख ये तुजे भटकायेगा...
तु कदम तेज़ कर ले..डर पिछे छूट जायेगा..
हाँ बोहोत दर्द होंगे तु दिल मे सम्भाले हुए..
इतना मजबूत बन क एक हँसी ही काफ़ी हो ..वो दर्द भुलाने के लिये
रोकने वालो की कमी नही पूरा ज़माना खडआ हो जायेगा..ऐसे मे बस एक ही हाथ तुजे बचाएगा वो होग तेरा खुद का.. जो तुजे खुद पर विश्वास दिलाएगा ..
अगर मन्ज़िल मिली तो सुकून मिलेगा और अभिमान बढ जायेगा..
और अगर नही मिली तो तु पेहले से भी अच्छा इन्सान बन जायेगा

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