Sunday, 25 May 2014


सत्यमेव जयते
भारत का अनोखा सत्य
पर क्यों आज धूमिल पड़ रहा है यह सत्य 
चुनाव में मुक़ाबला करना पड़ता ही है
पर इसका मतलब यह नहीं है
एक दूसरे का पर्दा फांस करते रहे 
यह काम पार्टिया क्यों करती है 
सच तो अपने आप उजागर होता है
आप लोगो के बर्ताव जनता को पसंद नहीं है 

इस चुनाव में जनता ही जनार्दन है 
जनता ही वकील है
जनता ही जज है
वह ही फैसला सुनाती है
आप लोग है क्या
उनके नज़र में यह कभी सोचा है
आज का बर्ताव बदले की भावना बढ़ता है
इसका प्रतिफलन संसद में होता है
जनता का काम नहीं होता है
आपसमे लड़ते रहते है
अगर आप लोगो का बर्ताव बढ़िया रहता
तो संसद में लड़ाई का मौक़ा नहीं मिलता
कानून अपना काम करता
सरकार अपना काम करती
देश में खुशहाली बढ़ती भ्रस्टाचार, महंगाई भाग जाती
सयमेव जयते
का नारा आकाश में चमकने लगता ।

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