Monday, 26 May 2014

आज के इन नौजवान बच्चों का हाल, है बहुत बेहिसाब। 
देश के बारे मे पूछें, तो मिलता है- ये जवाब। 
सब है बकवास, इस देश का तो सिस्टम ही है खराब। 
प्लीज मत करो हमारा टाइम खराब! 
हमारा टाइम बहुत कीमती है, देशभक्ति तो बात बेकारों की है। 
हमे ढूंठनी अच्छी नौकरी है, 
इच्छा तो बस विदेश में सैटल होने की है।।
 ये हाल है इनका, क्योंकि गुलामी का दर्द इन्हे पता नहीं है, 
कितना जुल्म सहा था इनके बुजुर्गों ने, इन्हे तो एहसास भी नहीं है।
इन्हे समझाना शायद, अब आसान नहीं है,
क्योंकि इनके माता पिता के दिल में भी, भारत का वो मान नहीं है।।
 अरे उनकी माँ क्या ख़ाक जनेंगी, देशभक्त सपूतों को,
जो खुश हैं कि वेतन पचास पर, हसबेंड 1 लाख घर लाता है।
सिर्फ ऐशोआराम और मस्ती के चक्कर में, जो हरदम रहते हैं,
उन्हे किसी की क्या परवाह, क़हॉँ अपना भारत डूबा जाता है।।
अगर बनाना है सुनहरा भारत, तो इन बच्चों को समझाना होगl 
सही दिशा और सही ज्ञान का, दीपक इन्हे दिखलाना होगा।
कर्तव्य पथ पर कैसे चलना है, इनहे दिल से सिखलाना होगा।।
हर दिल में देशभक्ति और सिर्फ प्रेम की, लौ को जलाना होगा।।

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