Monday, 2 June 2014



हम है नये मतदाता 
है हम ही देश के भाग्य-बिधाता
हम पर कुछ फर्क नहि पड़ता
चाहे कोई नेता कुछ भी कंह जाता
हमें पढ़ना लिखना आता
हमें कोई बेवकूफ बना नही सकता
हम है देश के इतिहास के ज्ञाता
मज़हब से न हमारा कोइ नाता
जात पात से न हमारा कोइ वास्ता
हमारा तो है इंसानियत से नाता
जो मज़हब की दीवार खीचना चाहता
उससे हमारा न है कोइ नाता
हमने बनाया है एक अलग रास्ता
जंहा होगा कोइ अलग ही भाग्य-बिधाता
भारत पाक की लड़ाईमे भारत की जीत
पर जो ताली बजाता, फुलझरी चलाता 
वह ही सच्चा हिन्दुस्तानी कहलाता
जिसे भारत माँ का सन्तान होने का गर्ब होता
माँ बहनों की इज्जत के वास्ते
जो अपने आप को न्याछावार कर सकता
वह ही हो सकता है हमारा भाग्य-बिधाता ।

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