Tuesday, 5 August 2014

मेरे दो दो भारत,एक गोरा एक काला। 
एक आकाश छूने वाला ,
और दूसरा गड़बड़-घोटाला। 
एक भारत तो है ,स्वदेश की शान।
दूसरे भारत मे ,लोग बहुत हैं परेशान। 
एक भारत मे हैं,मल्टीप्लेक्स और मॉल। 
दूसरे मे झुग्गी-झोपड़ी ,और लोग हैं कंगाल।
एक भारत खाता है,ईमान की रोटी। दू
सरा चूसता है ,बोटी -बोटी। 
एक भारत है ,मजबूत व ताकतवर। 
दूसरे भारत मे,छाया है डर ही डर।
एक भारत है,मानवता का उदाहरण।
दूसरे मे आगजनी,लूटमार व अपहरण।
एक भारत का है ,अंतर्राष्ट्रीय स्तर।
दूसरे मे जीवन का,निम्नतम स्तर ।
एक भारत मे मानऔर संयम पलता है।
दूसरे भारत मे,"सब कुछ " चलता है।
एक भारत देता है,आज़ादी को सलामी।
दूसरे भारत मे,अब तक है गुलामी।

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