Saturday, 13 December 2014

हमारी छोटी सी नादानी,
कुछ नादान बच्चो के किस्मत की क़ुरबानी है ,
कभी उनकी मुट्ठी खुलवाकर देखना ,
किस्मत के नाम पर छाले मिलेंगे, छाले ! ,
जो उन पर हुए हर एक ज़ुल्म की निशानी है,
सबने देखा होगा,
जब हम कही घूमने निकलते हैं,
ये बच्चे कहीं रोड पर खड़े तो कहीं ,
कचड़े पर पड़े मिलते हैं.
शिक्षा, पोषण और संतुलित प्यार ,
बस यही तो हैं एक जीवित बच्चे का
मुलभुत अधिकार ,
पर मिल नहीं पता क्युंकि,
सारा माहौल कानूनी हैं,
सियासत भी तो तब आँख खोलती हैं,
जब खड़ी हो चुकी होती परेशानी हैं,
ये हमारी नादानी,
उन नादान बच्चो के किस्मत की क़ुरबानी हैं....

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