Saturday, 13 December 2014

सिस्टम की खराबियों पर, कर तो रहे हो तुम चर्चा
मत भूलो इस जन्म भूमि का तुम पर बड़ा है कर्जा
संवारो इसे, निखारो इसे
अरे देश के नौजवानों तुम अब संभालो इसे
कितना भ्रष्टाचार है, गरीबी की भरमार है
बेरोजगारी की चपेट में, हर कोई लाचार है
पर देश के युवाओं तुम्हारी शिकायतों का ही पहाड़ है
यह भारत है तुम्हारा, नकारात्मकता की छाया से बचा लो इसे
हिन्दुस्तान में रहकर, इसी की मिटटी में चल कर
हिन्दी से कतराकर, जिम्मेदारी से पला झाड़कर
विदेशियों की नकल करके, स्वदेश को भुलाकर
अब बद से बदतर तो न बनाओ इसे
विदेशों की तुम करो पूजा, उनके ही गाओ गीत
चलो उनके ही नक्शेकदम पर , उनसे ही ले लो सीख
रखो अपने वतन का मान मन में,
नजरों में सबके उंचा बनाओ इसे
हर चीज मांगते हो, देना भी कभी तो चाहो
अधिकारों का ढोल पीटते हो, अपने कर्तव्य भी निभाओ
हो तुम भारत के, यही सच है न झुठलाओ इसे---------

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