अचानक मे टकरा गया मेरे ही कॉलेज की लड़की से
वह आरही थी मे जा रहा था
दोनों अपनी अपनी सोच मे थे टकरा गये
उसने मुझे देखा मैंने उसको एक ही नज़र मे प्यार हो गया
मैंने उसकी किताबे उठाई उसने मेरी
फिर बात का सिलसिला शुरू हुआ
कैंटीन मे चाय पीते पीते खतम हुआ
एक दूसरे का नाम भी पूछा मोबाइल नंबर भी लिया
पता ठिकाना भी पूछा वह रोजाना टेम्पो से कॉलेज आती थी
मैंने कहा मे तो उस रास्ते से ही आता हु
तुम्हें आते समय लेता आऊँगा जाते समय पहुचा दूंगा
लड़की खुशी खुशी मन गई आग दोनों तरफ बराबर की थी
हर शाम के प्रोग्राम बनने लगे
रात मे दोनों मोबाइल से बाते करते रहते
पढ़ाई लिखाई तो गई भाड़ मे
ऐसे करते करेते कितना समय गुजर गया मालूम ही नहीं पड़ा
इतने मे माँ की आवाज आई
क्या आज कॉलेज नहीं जाना है क्या
सूरज को उगे तीन घंटा हो गया
ले चाय पीले और फटाफट तैयार हो जा
अब मेरे समझ मे आया जो देखा था वह सपना था
पर था बड़ा ही मनोरंजक
वह आरही थी मे जा रहा था
दोनों अपनी अपनी सोच मे थे टकरा गये
उसने मुझे देखा मैंने उसको एक ही नज़र मे प्यार हो गया
मैंने उसकी किताबे उठाई उसने मेरी
फिर बात का सिलसिला शुरू हुआ
कैंटीन मे चाय पीते पीते खतम हुआ
एक दूसरे का नाम भी पूछा मोबाइल नंबर भी लिया
पता ठिकाना भी पूछा वह रोजाना टेम्पो से कॉलेज आती थी
मैंने कहा मे तो उस रास्ते से ही आता हु
तुम्हें आते समय लेता आऊँगा जाते समय पहुचा दूंगा
लड़की खुशी खुशी मन गई आग दोनों तरफ बराबर की थी
हर शाम के प्रोग्राम बनने लगे
रात मे दोनों मोबाइल से बाते करते रहते
पढ़ाई लिखाई तो गई भाड़ मे
ऐसे करते करेते कितना समय गुजर गया मालूम ही नहीं पड़ा
इतने मे माँ की आवाज आई
क्या आज कॉलेज नहीं जाना है क्या
सूरज को उगे तीन घंटा हो गया
ले चाय पीले और फटाफट तैयार हो जा
अब मेरे समझ मे आया जो देखा था वह सपना था
पर था बड़ा ही मनोरंजक
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